"आज के लोग" आज का ये सामाजिक लोग! जो कभी खाली समय में.. अपनों के संग मनोहारी बाते करते थे। वो सब एक मोबाइल पर, आश्रित हो गए हैं। मोबाइल ने कुछ इस कदर, हमारे मनोमस्तिष्क को जकड़ लिया है कि, हम उससे बाहर कुछ सोच भी नहीं पाते। सारे रिश्ते टूट रहे हैं, सब साथी छूट रहे हैं। किसी को दो पल बैठके बात करने तक का, जरा सा भी समय नहीं है। सब गुम रहते हैं अपने मोबाइल में... और कहते हैं मेरे पास समय नहीं! वाकई! आज के ये सामाजिक लोग, पूर्णरूप से मोबाइल रूपी हथकड़ी से बंध चुके हैं। ©anjana writer #addiction