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अपनों से दूर ,खुद को भूल निकले थे अपनी ही तलाश में

अपनों से दूर ,खुद को भूल निकले थे अपनी ही तलाश में,
शायद मुकम्मल हुआ वो बढ़े थे कदम जिसकी आस में।।
भीड़ में भी आशियाना बना आसमां के पास में लेकिन जमीं कोसों दूर हो गयी,
चारदीवारी तो मिली  लेकिन अपना आँगन मिलता तक नहीं अब अहसास में।।
इतना मिला की मुट्ठी बंद नहीं होती लेकिन अपनी उस रेत का क्या जो फिसल कर खाली हाथ कर गई,
अधूरा तो मुकम्मल हो गया लेकिन जो पूरा था वो तो खत्म ही हो गया।।
कुछ तो पाया है लेकिन सब कुछ खो  गया,
जागा था जिसके लिए अब उसी को भूलने के लिए सो गया।।
काश ये हकीक़त फिर से स्वपन हो जाए और ,
कोई सर पर हाथ रख कर बोले अब जाग भी जाओ सवेरा हो गया।। #Nojotoa #Hindi #love #Stories
अपनों से दूर ,खुद को भूल निकले थे अपनी ही तलाश में,
शायद मुकम्मल हुआ वो बढ़े थे कदम जिसकी आस में।।
भीड़ में भी आशियाना बना आसमां के पास में लेकिन जमीं कोसों दूर हो गयी,
चारदीवारी तो मिली  लेकिन अपना आँगन मिलता तक नहीं अब अहसास में।।
इतना मिला की मुट्ठी बंद नहीं होती लेकिन अपनी उस रेत का क्या जो फिसल कर खाली हाथ कर गई,
अधूरा तो मुकम्मल हो गया लेकिन जो पूरा था वो तो खत्म ही हो गया।।
कुछ तो पाया है लेकिन सब कुछ खो  गया,
जागा था जिसके लिए अब उसी को भूलने के लिए सो गया।।
काश ये हकीक़त फिर से स्वपन हो जाए और ,
कोई सर पर हाथ रख कर बोले अब जाग भी जाओ सवेरा हो गया।। #Nojotoa #Hindi #love #Stories
anuragdubey8470

Anurag Dubey

New Creator