निश्छल प्रेम बचपन का ही होता है बड़ा होकर इन्सान स्वार्थी हो जाता है। मुनाफा ढूड़ने के चक्कर में न जाने क्या - क्या अत्याचार कर जाता है। 🌝प्रतियोगिता-33 🌟Collab कीजिये हमारे साथ और अपनी प्रतिभा को जानिए, लिखते रहिये, सीखते रहिये और सिखाते रहिये और लिखते वक़्त अपनी गलतियों पर ध्यान दे और उन्हें पूर्ण रूप से सही लिखें। #क़लम_ए_हयात #निश्छल_मुस्कान #yqdidi #yqbaba #yqpoetry #yqhindi #YourQuoteAndMine Collaborating with क़लम-ए-हयात