खुद को ही खुद से भुलाए बैठे हो हम ही सबकुछ है इस गुमान मे ऐठे बैठे हो अपने वर्तमान का तो पता नही खुद को भविष्य के बादशाह बनाए बैठे हो आयेगा तुफान उठेंगी लहरे तब औकात समझ मे आयेगा समुन्द्र के किनारे घर बनाकर समुन्द्र को तालाब समझ बैठे हो। #Life_poetry