अंगारों की राहों में तू एसी आग उगलते चले चल, अंगारे भी जलकर राख होजाएंगे मिली देह वतन से है वतन में ही खाख होजाएगे , पास वनी दीवारो पे अपने खूं के निशा छोड़ जाएंगे, वादलो की वरसातो से भले ही लहू के निशां धुल जाएगे, पर इसकी महक से वतन में ऐसे क ई मंगल फूल खिल जाएगे #nojotohindi #bhagatshing #indian #kavita #devendrashivhare #jaihind