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नि:शस्त्र होकर भी मां सीता ने,अहंकार को धूल चटाया

नि:शस्त्र होकर भी मां सीता ने,अहंकार को धूल चटाया था 
लंकापति को उसकी ही लंका में , घुटनों के बल बैठाया था।

सीता माता की छाया से ही, दुष्ट रावण की लंका हांफी थी
मां के तपोबल के तेज से, रावण की चंद्रहास भी कांपी थी।

रावण बड़ा पराक्रमी था और सारी दुनिया उसके वश में थी
पर एक स्त्री के अपमान की कीमत,उसके सारे कुल ने दी।

न राम सा जननायक जग में,न ही वैदेही से सतीत्व की नारी
दोनों की नयनाभिराम मनोहारी छवि , तीनों लोक से न्यारी। 🌝प्रतियोगिता-34 🌝
🌷"वास्तविक योद्धा सीता"🌹

नि:शस्त्र होकर भी मां सीता ने,अहंकार को धूल चटाया था 
लंकापति को उसकी ही लंका में , घुटनों के बल बैठाया था।

सीता माता की छाया से ही, दुष्ट रावण की लंका हांफी थी
मां के तपोबल के तेज से, रावण की चंद्रहास भी कांपी थी।
नि:शस्त्र होकर भी मां सीता ने,अहंकार को धूल चटाया था 
लंकापति को उसकी ही लंका में , घुटनों के बल बैठाया था।

सीता माता की छाया से ही, दुष्ट रावण की लंका हांफी थी
मां के तपोबल के तेज से, रावण की चंद्रहास भी कांपी थी।

रावण बड़ा पराक्रमी था और सारी दुनिया उसके वश में थी
पर एक स्त्री के अपमान की कीमत,उसके सारे कुल ने दी।

न राम सा जननायक जग में,न ही वैदेही से सतीत्व की नारी
दोनों की नयनाभिराम मनोहारी छवि , तीनों लोक से न्यारी। 🌝प्रतियोगिता-34 🌝
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नि:शस्त्र होकर भी मां सीता ने,अहंकार को धूल चटाया था 
लंकापति को उसकी ही लंका में , घुटनों के बल बैठाया था।

सीता माता की छाया से ही, दुष्ट रावण की लंका हांफी थी
मां के तपोबल के तेज से, रावण की चंद्रहास भी कांपी थी।