Nojoto: Largest Storytelling Platform

मेरे ख़यालों की हदों से गुजर रहा है कोई ! कि जैसे स

मेरे ख़यालों की हदों से
गुजर रहा है कोई !
कि जैसे साँसों के तरानों से
धड़कने सुन रहा हो कोई!
मुझ में है छिपा, मग़र
मुझे ही मालूम नहीं!
शायद मुझसे भी ज़्यादा
इंतज़ार कर रहा है कोई!!
मेरे ख़यालों की हदों से
गुजर रहा है कोई !!!

©Deepak Bisht #सुषमा-ए-अदायगी
मेरे ख़यालों की हदों से
गुजर रहा है कोई !
कि जैसे साँसों के तरानों से
धड़कने सुन रहा हो कोई!
मुझ में है छिपा, मग़र
मुझे ही मालूम नहीं!
शायद मुझसे भी ज़्यादा
इंतज़ार कर रहा है कोई!!
मेरे ख़यालों की हदों से
गुजर रहा है कोई !!!

©Deepak Bisht #सुषमा-ए-अदायगी