मेरे ख़यालों की हदों से गुजर रहा है कोई ! कि जैसे साँसों के तरानों से धड़कने सुन रहा हो कोई! मुझ में है छिपा, मग़र मुझे ही मालूम नहीं! शायद मुझसे भी ज़्यादा इंतज़ार कर रहा है कोई!! मेरे ख़यालों की हदों से गुजर रहा है कोई !!! ©Deepak Bisht #सुषमा-ए-अदायगी