दिल का दर्द दिल तोड़ने वाला क्या जाने,
प्यार के रिवाजों को ये ज़माना क्या जाने,
होती है इतनी तकलीफ लड़की पटाने में,
ये घर बैठा लड़की का बाप क्या जाने।
शादी करनी थी पर किस्मत खुलती नहीं,
ताज बनाना था पर मुमताज मिलती नहीं,
एक दिन किस्मत खुली और शादी हो गई,
अब ताज बनाना है पर मुमताज मरती नहीं। #शायरी