Nojoto: Largest Storytelling Platform

चार बज गए हैं,नीद अब तक नहीं आई है। जरा खिड़की खो

चार बज गए हैं,नीद अब तक नहीं आई है।

जरा खिड़की खोल के देखो क्या वो टहलने अाई है।

ये बादल ये बारिश ये मौसम सब हसीन है,

लगता है आज उसको मेरी याद अाई है।

आगोश,छुअन , सिहरन क्या क्या बताऊं मैं,

अच्छा सुनो इन लबो को उन लबों की याद अाई है। #NojotoaBhopal2
चार बज गए हैं,नीद अब तक नहीं आई है।

जरा खिड़की खोल के देखो क्या वो टहलने अाई है।

ये बादल ये बारिश ये मौसम सब हसीन है,

लगता है आज उसको मेरी याद अाई है।

आगोश,छुअन , सिहरन क्या क्या बताऊं मैं,

अच्छा सुनो इन लबो को उन लबों की याद अाई है। #NojotoaBhopal2