जिन्दगी मे इतना सब देख लिया है की लिखना शोक नही अब आदत सा बन गया है छोटी छोटी बातों को कलम से उतरना रूह के लिए राहत सा बन गया है क्योकिं लिखना अब शोक नही आदत सा बन गया है पहले उसकी की यादो से भरा रहता था हर पन्ना मेरा पर अफसोस एक पन्ना उसमे से खली सा रह गया है क्योकिं लिखना अब शौक नही आदत सा हो गया है आदत