मन के बंधन जाने कैसे बंधन है, मन की गहराईयों के बिन कहे बातें,दूर तलक पहुंच जाती हैं । अच्छा है ना,शब्दों के उलझाव नहीं बिन कहे एहसास, समझ लिए जाते हैं । चंद खुशनुमा लम्हें, जीवन के लिए भरपूर हैं खामोशियों से भी, ईत्र की खुशबू आती है । बिन्ती अग्रवाल 19/सितंबर /2019 #मन के बंधन