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निहार निहार कर मुरझा गया मेरे दिल का बगीचा रंग भी

निहार निहार कर मुरझा गया मेरे दिल का बगीचा
रंग भी रंग फूल खिलते थे, वो थी कल की बात
अब यहां है तो बस उखड़े हुए अरमान
जो जल रहे हैं तन्हाई की आग में

©Vimal Gurnani
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