अब तुम्हें कैसे बताएं तेरी ही पलकों के बीच जिन्दगी है मेरी जब तक खुल रही है तब तक जिंदा हूं विश्वास न हो तो एक बार मूदकर देख ले सांसें अटकी न रह जाए तब कहना जी ©DANVEER SINGH DUNIYA सही है कि ना