एक बार और सही एक बार और कि मैं एक और दिन उपवास का फाँकें में गुज़ार दूँ तुम्हारे लिए निर्जल निर्विकार बिल्कुल वैसे ही जैसे छह साल पहले तुम्हारे साथ अनंतकलित प्रणय का कौल उठाया था आज तुम प्रत्यक्ष नहीं हो तो क्या परिमाण बदल सकते हैं ? क्या वो सालों का तप और प्रगड़ता शून्य हो जाएँगे शायद इस जन्म में ये मुझसे ना हो पाए मैं हर साल तुम्हारे लिए उपवास करूँगा बिल्कुल वैसे ही उसी शिद्दत के साथ जैसे तुम किया करती थी दुआ है तुम्हें चाँद नसीब हो मैंने चाँदनी में ही मुक़म्मल होना सीख लिया है। चौथ @ ना शोना के पैराहन ,ना मीठा के पैर ©Mo k sh K an #na_shona_ke_pairhan_na_meetha_ke_pair #mikyupikyu #ना_शोना_के_पैराहन_ना_मीठा_के_पैर #mokshkan