हृदय का वंदन गुलाब सुर्ख परिवेश में काँटों के देश में सुगंध से वायु में रचता है पत्र प्रेम भाव वायु का प्रवाह सारगर्भित निश्छलता संग प्रथमदृष्टया भा जाता है दिशा अवतरण का सुर्ख स्रोत है गुलाब! फिर छिड़ी रात, बात फूलों की.... आपका साथ-साथ फूलों का.. आपकी बात बात फूलों की..❤️ Deepali suyal तुम्हारी मोगरे वाली कविता से उपजी ये कविता 😊 Collab करना था पर तुमने तो collab off किया था 😔 #yqdidi