सितम के अंधेरों मे तू सदियों से बिलखी, घुट घुट कर कब तक जियोगी?? सह गई एक दफा तो हर रोज घाव मिलेंगे! सहने से बेहतर कहना है, कहने का कोई मुहूर्त नहीं हैं, अब तो गुमसुम न रहो, आँसू संग अब न बहो , जुल्म अब न सहो, खुद के लिए न सही, पीढी जो हैं आने वाली, उसके लिए चुप न रहो अब।। Women stop tolerating nd raised your voice against offences #yqbaba #yqdidi #yqquotes #raiseyourvoice #stoptoleratingcrime #architaavijyotsinghthakur #women #selfconfidence