न जाने कैसे ख्वाब दिखाती है ज़िदगी, कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है ज़िदगी| कभी कटने नहीं देती सफर,मंज़िलों का तो कभी खुद रास्ता बनाती है ज़िदगी, भीड़ में तो कभी भीड़ से हटकर चलना सिखाती है ज़िदगी| न जाने कैसे ख्वाब दिखाती है ज़िदगी, कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है ज़िदगी| कभी अपनों को करती है बेगाना, तो कभी बेगानों को अपना बनाती है ज़िदगी, कभी करती है गुमनाम, तो कभी अलग ही पहचान बनाती है ज़िदगी| न जाने कैसे ख्वाब दिखाती है ज़िदगी, कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है ज़िदगी| कभी डराती है मुश्किलों से, तो कभी मुश्किलों को डराती है ज़िदगी, जीवन के अनेकों रंग समझाती है ज़िदगी| न जाने कैसे ख्वाब दिखाती है ज़िदगी, कभी हंसाती है तो कभी रुलाती है ज़िदगी| ©भावना अरोड़ा फरीदाबाद,हरियाणा #NojotoQuote #nojoto #nojotohindi #poetry #life #quote #thought #Genesis19