तुम राजनेता किस मुह से कहते हो खुद को, वो गद्दी पुरखों की नही तुम्हारे, गुमान मत रखना उस तख़्त का, तुम सिर्फ गलतों के बीच कम गलत थे इसलिए,बेबस ब्यवस्था में चुने गए हो। राजनेता नही लोकनेता बनो