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माना जुदाई का आलम है अभी, पर एक मुलाक़ात बाकी है ह

माना जुदाई का आलम है अभी,
पर एक मुलाक़ात बाकी है हम अभी इसके सहारे जी लेगें ...

इस तन्हाई, आँसू,  तड़प को खुद में समेट कर,
ये यादों का सन्दूक आपके काँधे पर सर रख खोल देंगें....

तरस लेगें हम भी इस दीदार के लिए जानां! थोड़ा आप भी मुलाक़ात के लिए तड़प लेना, 
और समेट लेना हमको कुछ इस कदर अपने आगोश में जानां! आपकी बाहों में खुदको तोड़ देगें..

©Khamosh Alfaaz ( Rinki ) #khamoshalfaaz#mulakat#didar#intzaar#pyar#syri 

Mirza raj R Ojha Monu Kumar SIDDHARTH SHENDE  B Ravan
माना जुदाई का आलम है अभी,
पर एक मुलाक़ात बाकी है हम अभी इसके सहारे जी लेगें ...

इस तन्हाई, आँसू,  तड़प को खुद में समेट कर,
ये यादों का सन्दूक आपके काँधे पर सर रख खोल देंगें....

तरस लेगें हम भी इस दीदार के लिए जानां! थोड़ा आप भी मुलाक़ात के लिए तड़प लेना, 
और समेट लेना हमको कुछ इस कदर अपने आगोश में जानां! आपकी बाहों में खुदको तोड़ देगें..

©Khamosh Alfaaz ( Rinki ) #khamoshalfaaz#mulakat#didar#intzaar#pyar#syri 

Mirza raj R Ojha Monu Kumar SIDDHARTH SHENDE  B Ravan