दिल की यही इल्तिजा है कि तुम मेरे ही बन के रहना, बदले चाहे सारा जमाना पर तुम कभी भी ना बदलना। 🌝प्रतियोगिता-152🌝 ✨✨आज की रचना के लिए हमारा शब्द है ⤵️ 🌹"इल्तिजा"🌹 🌟 विषय के शब्द रचना में होना अनिवार्य नहीं है I कृप्या केवल मर्यादित शब्दों का प्रयोग कर अपनी रचना को उत्कृष्ट बनाएं I