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पत्थर कितने भी हों राह पड़े , नदिया तो बहती ही है

पत्थर कितने भी हों राह पड़े ,
नदिया तो बहती ही है रहती ,
धन्यवाद देती हर पत्थर का  ,
जो इनसे वो नियंत्रण में रहती ।
दुःख ना हो जो जीवन में तो ,
कुछ सुख का मोल नहीं होता ,
जिनको सब मिलता रहा विरासत ,
उनके अनुभव का तोल नहीं होता ।

©Dinesh Paliwal
  #नदिया