तेरा हुस्न-ए-तारीफ बयां करना मेरी फितरत तो ना थी, ये तो कागज़ों की जिद थी बस खुद-ब-खुद कलम चल पड़ी! ©Bhaskar Dwivedi #हुस्न#शायरी#Love#प्यार #mohabat