#AzaadKalakaar क्या वे लोग थे और, ये कैसे निकल गये, अपनी पहचान खोकर,जाने किस सांचे में ढल गये, सोचा था, हर कदम सदा सम्भला होगा इनका, यह क्या हुआ कि,ये तो पग-पग पर फिसल गये, वे जिन्होंने था,हिलाया मिलकर क्रूर सिंहासन, ये जो, इक हवा के झोंके से ही हिल गये, वे जो अड़े थे,राह में चट्टान बनकर के, ये तो मोमबत्ती की तरह ही पिघल गये, वे जिन्होंने था,बनाया नीड़ मिल-जुलकर, एक-्एक कर के सब तिनके बिखर गये, वे जो,उनकी आँखों में क्ई झुलते रहे सपने, उनके ही लोग,उनको मिलकर निगल गये। -Vimla Choudhary ©vks Siyag #AzaadKalakaar #Azaadi #IndependenceDay #15thAugust2021 #currentsituation #Politics #Constitution #PoliticalLeader