श्रद्धांजलि स्वरों की महफ़िल का एक मोती डूब गया चमकता सितारा आसमाँ का कहीं खो गया कला का कलाकार कला में ही मिल गया साथ अपने कई धुन कई बंदिशें तराने ले गया एक दीपक बुझ गया एक संस्कृति खो गयी राग के स्वरों में से पंचम कहीं चला गया बिखर गई लय... ताल का थिरकना रुक गया संगीत की रूह का परमात्मा से मिलन हो गया स्वरों की महफ़िल का एक मोती डूब गया श्रद्धांजलि