मम प्रभास ........ अब कि अगर आना अहम को अपने तज कर आना राह में गर निकल पड़े हो तो मिले बीच कोई कूप- सरोवर या कोई नदिया, झरना निर्झर उसकी कुछ बौछारें लभना क्रोध को अपने दर्प को अपने प्रवाहित उसमें करके आना मम प्रभास अब कि अगर आना अहम को अपने तज कर आना सोनिया सूर्य प्रभा # मम प्रभास