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मैं फिर से प्यार कर बैठी थी , ©khubsur

मैं फिर से प्यार कर बैठी थी











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©khubsurat read in caption
स्वर मे कंपन नहीं  दिखे  होंगे
ना दिखी होगी कोई लकीरे
चेहरा हरा भरा ही था मेरा
इक  पहर भर धूप थी बस
 जला नहीं शरीर
बस तपा बहुत तपा
तुम्हे पता नहीं चला होगा
मैं फिर से प्यार कर बैठी थी











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©khubsurat read in caption
स्वर मे कंपन नहीं  दिखे  होंगे
ना दिखी होगी कोई लकीरे
चेहरा हरा भरा ही था मेरा
इक  पहर भर धूप थी बस
 जला नहीं शरीर
बस तपा बहुत तपा
तुम्हे पता नहीं चला होगा
sonikumari8235

khubsurat

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