#सुगन्ध में तू घोल दी, बारुद की महक.! मिला दिया केशर में तू, हम वतन का खून.! गोलियों की तड़तड़ाहट से, गुंज गया पर्वत.! जन्नत-ए-काश्मीर को, बना दिया दोज़ख.! यह कैसी सियासी खेल, जहां जिंदगी से बैर.! #अजय57 #NojotoQuote