इन नेताओं के भाषण में, आंसू मिलते हैं राशन में,, इस सपा के जंगल शाशन में, सब लगे हुए सिंघासन में यहां निर्दोषी मारे जाते हैं, बेगुनाह लताड़े जाते हैं,, यहां जनता की सुनवायी नहीं, उन्हें थप्पड़ मारे जाते हैं,, जन जन पर अत्याचार किया, जीवन जीना दुश्वार किया,, घर घर में सपा के गुंडों ने, कोई लूट लिया कोई मार दिया,, अरे सुनो सुनो ओ नेता जी, तू लेता कुछ ना देता जी,, अब जब तुम रैली लाओगे, जूतों की माला पाओगे,, तुम जनता को इतना सता रहे, सच कहता हूं पछताओगे,, तुम ऐसे हमें रुलाओगे, तो वापस फ़िर ना आओगे,, हम 17 में तुम्हें हराएंगे, फ़िर कुढ़-कुढ़ के रह जाओगे,, ©ठाकुर आकाश सिंह सोमवंशी My poetry of before BJP Government in up...