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बहुत हंसता था टूट गया था भीतर से अब मजबूत हूँ भीत

बहुत हंसता था टूट गया था भीतर से

अब मजबूत हूँ भीतर से इसलिए खामोश रहता हूं #कुमार
बहुत हंसता था टूट गया था भीतर से

अब मजबूत हूँ भीतर से इसलिए खामोश रहता हूं #कुमार