थोड़ी सी तो धूप चाहती है छाव भी, थोड़ी सी ही ज़मीन चाहती है नाव भी, थोड़ा सा है किनारा नसीब लेहरो को, थोड़ी सी धूल मांगता आसमान भी। #rapp