ये जो दस्तूर ज़माने के सिर पर उठाए फिरते हैं, हर कानून खिलाफ मोहब्बत के बनाए फिरते हैं उनको समझाने में अपनी उम्र यूं जाया न करो छोड़ो सब; सिर्फ उसको समझो और निभा लो , विश्वास अपनी वफ़ा का, दिला सको तो दिला दो रह जाते हैं जिंदगी के सफर में हमराह बस दो ही, पर्दा गिरते ही मजमा हट जाता है इस दुनिया का। " साप्ताहिक काव्य प्रतियोगिता " (Post 12) Must use hashtag: #Collabwithआपकी_सहेली #jayakikalamse #yqdidi #yqbaba #आपकी_सहेली #YourQuoteAndMine