हम किताबों के वो पन्ने हैं, जो कोरे थे,सो कोरे हैं, मंजिलों की वो राहें हैं, जो उलझी थी सो उलझी हैं, ख्वाहिशों के सफर की बात ना कर, ऐ मालिक, वो थमती थी, ना थमती हैं तेरी ही आस करती हैं!! #हम........