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।। ओ३म् ।। त्वमग्ने पुरुरूपो विशेविशे वयो दधासि प

।। ओ३म् ।।

त्वमग्ने पुरुरूपो विशेविशे वयो दधासि प्रत्नथा पुरुष्टुत। 
पुरूण्यन्ना सहसा वि राजसि त्विषिः सा ते तित्विषाणस्य नाधृषे ॥

पद पाठ
त्वम्। अ॒ग्ने॒। पु॒रु॒ऽरूपः॑। वि॒शेऽवि॑शे। वयः॑। द॒धा॒सि॒। प्र॒त्नऽथा॑। पु॒रु॒ऽस्तु॒त॒। पु॒रूणि॑। अन्ना॑। सह॑सा। वि। रा॒ज॒सि॒। त्विषिः॑। सा। ते॒। ति॒त्वि॒षा॒णाय। न। आ॒ऽधृषे॑ ॥

हे मनुष्यो ! आप लोग जैसे अग्नि सब जगत् को धारण करता है, वैसे सब मनुष्यों को विद्या के प्रकाश में धारण करो ॥

Hey human! If you put a fire in the light of all the world, then all the humans hold in the light of Vidya.

( ऋग्वेद ५.८.५ ) #ऋग्वेद #वेद #मंत्र #यज्ञ #अग्नि #धारण #कर्म #विद्या #ज्योति #प्रचारण
।। ओ३म् ।।

त्वमग्ने पुरुरूपो विशेविशे वयो दधासि प्रत्नथा पुरुष्टुत। 
पुरूण्यन्ना सहसा वि राजसि त्विषिः सा ते तित्विषाणस्य नाधृषे ॥

पद पाठ
त्वम्। अ॒ग्ने॒। पु॒रु॒ऽरूपः॑। वि॒शेऽवि॑शे। वयः॑। द॒धा॒सि॒। प्र॒त्नऽथा॑। पु॒रु॒ऽस्तु॒त॒। पु॒रूणि॑। अन्ना॑। सह॑सा। वि। रा॒ज॒सि॒। त्विषिः॑। सा। ते॒। ति॒त्वि॒षा॒णाय। न। आ॒ऽधृषे॑ ॥

हे मनुष्यो ! आप लोग जैसे अग्नि सब जगत् को धारण करता है, वैसे सब मनुष्यों को विद्या के प्रकाश में धारण करो ॥

Hey human! If you put a fire in the light of all the world, then all the humans hold in the light of Vidya.

( ऋग्वेद ५.८.५ ) #ऋग्वेद #वेद #मंत्र #यज्ञ #अग्नि #धारण #कर्म #विद्या #ज्योति #प्रचारण