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अल्लसुबह वों आया फ़िर कभी ना जाने के लिए जो कहता

अल्लसुबह वों आया
फ़िर कभी ना जाने के लिए 
जो कहता था
 अब जल्दी ना आऊंगा 
अब तो बस फाग में
 संग तेरे,,, 
 मैं भी रंग जाऊँगा 
भरकर प्रीत आँचल में तेरे 
 कुसुम रंग बिखराऊंगा। 

बैठि विस्मित स्तब्ध सी वह !!! 
 प्राण प्रिया निहार रही 
कैसे अब रंग जाऊ 
कुसुम रंग !!? 
 जो रक्त धरा को रंग गया 
मातृ भूमि के रज में विगलित
 जो कण-कण
 वही बिखर गया। 
आने-जाने के सब बँध छोड़,
 सारे बंधन तोड़ गया 
मुझसे नाता तोड़ वो, 
जग से नाता जोड़ गया 
चिर निन्द्रा में लीन वों
अब बसंत पुष्प सा खिल गया। 
अल्ल सुबह वो आया
 फ़िर!!! कभी ना जाने के लिए

©Ritu mishra pandey mausam #Pulwama #Pulwama #PulwamaAttack #shraddhanjali
अल्लसुबह वों आया
फ़िर कभी ना जाने के लिए 
जो कहता था
 अब जल्दी ना आऊंगा 
अब तो बस फाग में
 संग तेरे,,, 
 मैं भी रंग जाऊँगा 
भरकर प्रीत आँचल में तेरे 
 कुसुम रंग बिखराऊंगा। 

बैठि विस्मित स्तब्ध सी वह !!! 
 प्राण प्रिया निहार रही 
कैसे अब रंग जाऊ 
कुसुम रंग !!? 
 जो रक्त धरा को रंग गया 
मातृ भूमि के रज में विगलित
 जो कण-कण
 वही बिखर गया। 
आने-जाने के सब बँध छोड़,
 सारे बंधन तोड़ गया 
मुझसे नाता तोड़ वो, 
जग से नाता जोड़ गया 
चिर निन्द्रा में लीन वों
अब बसंत पुष्प सा खिल गया। 
अल्ल सुबह वो आया
 फ़िर!!! कभी ना जाने के लिए

©Ritu mishra pandey mausam #Pulwama #Pulwama #PulwamaAttack #shraddhanjali
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