ज़िन्दगी फिर तबियत से आके मिले याकि साँसों मंज़र गुज़र जाने दे मेरी बेकली को लगा ले गले याकि तन्हा सफ़र का असर आने दे थाम ले हाथ मेरा अगर दिल कहे या तो जाती राहें जिधर जाने दे शब क्यों आँखें ये ख़्वाबों के किस्से कहें नज़रें ख़ाली ख़ाली नज़र आने दे गुमसुम खड़ा क्यों है लब को सिले दिल यों मजबूर है तो मुक़र जाने दे मिल गई तेरी मंज़िल मुबारक़ तुझे मुफलिसी का नहीं कोई घर जाने दे #toyou #yqlove #yqestrangement #yqhopesandfears #yquncertainities #yqfaith