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एक कहेन्दा है कि एह सभ मेरा है ते एक केन्दा है कि

एक कहेन्दा है कि एह सभ मेरा है ते एक केन्दा है कि यह सभ प्रभु दा दित्ता है।। असी सिर्फ नाम च रत्तना है।। किसे होर चीज़ च नहीं।। यहां ओर कोई अपना नहीं सिवाए परमेश्वर के इसलिए किसी भी चीज़ यानी पैसे ज़मीन व पुत्र रिश्तेदारों का मान नहीं करना चाहिए।। ऐसा गुरमुख बताते हैं।

गुर के चरण ऊपर मेरे माथे।। तां ते दूख मेरे सगले लाथे।।

अर्थ:- नाम ध्याने की विधि से परमात्मा का प्रकाश मेरे मस्तक पर उदय होने लगा।। फिर मन आनंद में आ कर त्रे गुनी दुखो से मुक्त हो गया।।


धुन में ध्यान, ध्यान में जानया गुरमुख अकथ कहानी।।

अर्थ:- सहज धुन है गुरमुखो-संतों द्वारा की गई हर की वह कथा को ध्यान से श्रवण कर जिस में नेत्रों में बसे मन को ध्यान द्वारा साहमने रमते प्रकाश में कैसे ध्यान टिकाया जाए वह सिखाया जाता है और फिर उस ध्यान में टिक कर यानी मुख पर बसे नेत्रों द्वारा परम् प्रकाश को विधि-गुर द्वारा निहारने पर अकथ प्रभु की कहानी मन फिर जान पाता है।।


सन्त संग अंतर प्रभ दीठा नाम प्रभु का लागा मीठा।।

हरि के संतों के संग नाम ध्याने की विधि यानी गुर ले कर परमात्मा सारी सृष्टि के अंतर दिख गया फिर वह विधि-गुर-नाम मन को मीठा लगने लगा मतलब भा जाना मन नू।।

©Biikrmjet Sing #गुरबाणी
एक कहेन्दा है कि एह सभ मेरा है ते एक केन्दा है कि यह सभ प्रभु दा दित्ता है।। असी सिर्फ नाम च रत्तना है।। किसे होर चीज़ च नहीं।। यहां ओर कोई अपना नहीं सिवाए परमेश्वर के इसलिए किसी भी चीज़ यानी पैसे ज़मीन व पुत्र रिश्तेदारों का मान नहीं करना चाहिए।। ऐसा गुरमुख बताते हैं।

गुर के चरण ऊपर मेरे माथे।। तां ते दूख मेरे सगले लाथे।।

अर्थ:- नाम ध्याने की विधि से परमात्मा का प्रकाश मेरे मस्तक पर उदय होने लगा।। फिर मन आनंद में आ कर त्रे गुनी दुखो से मुक्त हो गया।।


धुन में ध्यान, ध्यान में जानया गुरमुख अकथ कहानी।।

अर्थ:- सहज धुन है गुरमुखो-संतों द्वारा की गई हर की वह कथा को ध्यान से श्रवण कर जिस में नेत्रों में बसे मन को ध्यान द्वारा साहमने रमते प्रकाश में कैसे ध्यान टिकाया जाए वह सिखाया जाता है और फिर उस ध्यान में टिक कर यानी मुख पर बसे नेत्रों द्वारा परम् प्रकाश को विधि-गुर द्वारा निहारने पर अकथ प्रभु की कहानी मन फिर जान पाता है।।


सन्त संग अंतर प्रभ दीठा नाम प्रभु का लागा मीठा।।

हरि के संतों के संग नाम ध्याने की विधि यानी गुर ले कर परमात्मा सारी सृष्टि के अंतर दिख गया फिर वह विधि-गुर-नाम मन को मीठा लगने लगा मतलब भा जाना मन नू।।

©Biikrmjet Sing #गुरबाणी