★बदलाव का नया स्वरूप★ यह बदलाव का दौर है,कोई वारंटी नहीं है कब कौन रंग बदल दे,कोई गारंटी नहीं है ★बदलाव का नया स्वरूप★ आज बदलाव अपने चरम पर है क्योंकि अब हकीकतें दिखाई नहीं देती चीखती-चिल्लाती सड़कों पर आवाजें किसी को सुनाई नहीं देती.. कुसुम से हृदय अब निष्ठुर हो गये