कोरोना वायरस कोरोना वायरस विकराल , बना है आज महाकाल, चीन जिसे उपजाया, प्रसाद रूप विश्व पाया। पहले ज्वर है बढ़ाता, चेहरा लाल बन जाता, खाँसी बलगम है बढ़ाता, सर्दी साथ लेकर आता। कोई हाथ जो मिलाये, कोरोना पास चला जाये, वायरस वायुरस जो पाये, वातावरण में समा जाये। किसी से हाथ न मिलाएं, कहीं पंच बैठक न लगायें, भीड़-भाड़ से दुराव, है कोरोना का बचाव। घर पास को स्वच्छ बनायें, हाथ साबुन से धुलायें, बाहर से जब घर आएं, साबुन से हाथ-पैर धुलायें। घर से बाहर कम जायें, जन सम्मर्दन से दूर आयें, विजय की बात मान जायें, कोरोना पास नहीं आये। विजय प्रताप यादव कोरोना से बचाव