Nojoto: Largest Storytelling Platform

तुम्हारा अंश ईश्वर अब मेरा प्रेम बन गया है देखो

तुम्हारा अंश ईश्वर 
अब मेरा प्रेम बन गया है 
देखो ना ईश्वर !
तुम्हें भी गर्व होगा 
अपने सृजन पर 
मेरे "प्रेम" पर ....।।
-Anjali Rai
 
(अनुशीर्षक में .....,❤️) मुट्ठियों में समेट लेता है 
वो अपनी पलकों की 
उफनती नदी को;
डरता है कि कहीं उस प्रवाह
 में मैं बह ना जाऊं

सांझ होते ही बटोर लेता है 
वो सारे अंधेरे जुगनुओं से
तुम्हारा अंश ईश्वर 
अब मेरा प्रेम बन गया है 
देखो ना ईश्वर !
तुम्हें भी गर्व होगा 
अपने सृजन पर 
मेरे "प्रेम" पर ....।।
-Anjali Rai
 
(अनुशीर्षक में .....,❤️) मुट्ठियों में समेट लेता है 
वो अपनी पलकों की 
उफनती नदी को;
डरता है कि कहीं उस प्रवाह
 में मैं बह ना जाऊं

सांझ होते ही बटोर लेता है 
वो सारे अंधेरे जुगनुओं से