हवा मे तेरी खुशबू ढूँढ़ते है... पानी मे तेरा चेहरा.... वो शाम भी अलगही थी.. वक्त भी था सुनहरा... अक्सर बारिश भीगती थी.. साथ हमारे झूमती थी... बूँदों के सियाही से.. अपनी कहानी लिखती थी.. वो चौराहे की चाय... बोहत याद आती है.. आज भी दिल मे.. एक उम्मीद जगाती है.. वक्त भी एकदम थम सा जाता है... जब गुजरा हुवा.. कल याद आता है... खुद जलकर अब औरों को रौशन करते है... बिना उठाए कर्ज की.. आज भी किश्तें भरते है... तू ढूंढ लेना पूरी दुनिया.. हमारी शख्सियत न पाओगे.. अब बंजर से दिल मे क्या खाक मोहब्बत पाओगे... @ओम #LastDay #shayari #kavita #nazm #omsir #ombaviskar #amolbaviskar