जब तक देश काँटकर तुम अपनी जेब नहीं भरते हो बलभट्ट शत्रुओं से भी तुम हरगिज़ नहीं डरते हो किसमें इतना ताब तुम्हें उँगली दिखलाए याद यही रखना नज़र ख़ुद ही ना झुक जाए जब तक याद तुम्हें अपना ये देश धरम है दुनियाँ के हर कोने में सुगर्वित अपना ये परचम है जब तक तुम बूझोगे देश के लिए अपनी ज़िम्मेदारी आज़ादी मोहताज नहीं, है सबकी पहरेदारी नील निलय में सदय देश का पुण्य प्रेम बहेगा सीमाओं पर निश्चय ही फिर खून नहीं बहेगा गृहनीति जब सुघर, सुदृढ़, सुपोषित, सुगठित होगी सेंध लगाने की बोलो फिर किसमें हिम्मत होगी ऐसे मेलाबल से कोई फिर क्या उलझेगा... एक स्वर में बोलो तो विश्व नतमस्तक हुआ मिलेगा लाल किले की प्राचीर से ये परचम यही कहेगा भारत के हर दिल में अखण्ड भारत का राज रहेगा #Mynationmypride