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तेरे मेरे इश्क पर गजलें, मुझे हर बहर में चाहिए। हम

तेरे मेरे इश्क पर गजलें,
मुझे हर बहर में चाहिए।
हमारे मोहब्बत की खबरें,
मुझे हर शहर में चाहिए।

बहाया तेरे इश्क में अश्क,
वो पानी हर नहर में चाहिए।
मिटा सके जो हम दोनों को ,
वो बात,हर कहर में चाहिए।

हर कतरा इश्क का पी लिया है
दम ज्यादा हर ज़हर में चाहिए।
जीएंगे व मरेंगे साथ साथ हम
इतनी दुआ हर मेहर में चाहिए।।
हर्षा

©harsha mishra
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