बेटी हो मेरी तुम बेटी हो तुम मेरी, गर्व और अभिमान हो पर हाँ मैं डरती हूँ, समाज की परिस्थितियों से हर वक्त एक शंका है दिल मे, कैसे लड़ूंगी इन बुराइयों से कब तक ढाल बनूँगी, मैं तुम्हारी तुम्हे ख़ुद ही ढाल बनना होगा समाज की इन वेदनाओं से निडर होकर लड़ना होगा बस यही सोचना हर पल तुम कृष्ण की तरह, अगोचर, अंतरहित माँ का प्रतिरुप है मेरे साथ, जो देगा तुम्हे अनंत शक्ति अपार मत गिरने देना अपने आत्मबल को जब मैं कभी रहु साथ न तुम्हारे तो आँखे बंद कर, कर लेना माँ को याद बेटी हूँ अपनी माँ की बस यही याद रखना हर पल, हर क्षण तुम dedicated to my daughter Riddhima ©Rina riddhima #Childhood