दर्द कागज़ पर मेरा बिकता रहा, मैं बैचैन था रात भर लिखता रहा l हवाओ का साथ नहीं रहा तो दिखता कहा मैं चांद कि तरह बादलों के पीछे छिपता रहा l अकड़ के दरख़्तों से खड़े थे वो लोग, मैं नाजुक डाली सा जो बस झुकता रहा l नजर में तो था पर नजरअंदाज करता रहा, वो बेरुखी करते रहे पर मैं इश्क करता रहा l कागज़ पे मेरा दर्द था जो मैं लिखता रहा, पर वो कमबख्त बस पढ कर वाह-वाह करता रहा l #yqbaba #ddiary02 #deardiaryquotes #yqdidi #yqquotes #yqbhaijaan #okdeardiary