पता नहीं कहाँ चले जा रहे हैं ! कहीं नफरत कहीं दर्द,कहीं गम तो कहीं असफलता के घूंट पिए जा रहे है पता नही कहाँ चले जा रहें हैं हर इन्तेहाँ हमसे बिनपढ़े जिंदगी के लिए जा रहे जमाने की दौड़ में हम यूँही बहे जा रहे है चार लोगो की सुनने के चक्कर में हम खुद की ना सुन पा रहे है पता नही कहाँ चले जा रहे है #LOST#CTL#life#safar#goals#society#youth#soul#nojoto#poetry#poetrylovers#writinggoals#writersgoals#thoughts#quotes#struggal#spritiual