आज नज़रे उनसे मिली तो वक्त थम सा गया, खो ना दूँ कहीं उन्हें दिल सहम सा गया। उसने मुस्कुरा कर जो देखा मुझे तो यूं लगा, कि जैसे किसी ज़ाहिद को ख़ुदा मिल सा गया। उनका वो मुझे देख कर गेसू सवारना, बाकी जो था पेच-ओ-ख़म निकल सा गया। उनके रुख़्सार पर वो चाँद का जमाल था, देखी जो उनकी सूरत मेरा दिन सवर सा गया। रफ़्ता रफ़्ता जो उनकी नजरे उठीं तो यूं लगा, कि ज्यूं फलक में आफ़ताब निकल सा गया। उनके होंठो पर वो हल्की सी तबस्सुम, मुझ बीमार का हाल निखर सा गया। वो उनके होंठो की मैं क्या तारीफ करूं, एक बोसे की आस में मेरा दम निकल सा गया। #pehlimulaqat #becheni #deedar_e_yaar #bosa #yqbesthindiquotes #yqbaba #yqdidi #aprichit YourQuote Baba YourQuote Didi