आशा –निराशा के बीच झूल रही है कभी अपेक्षाएं तो कभी उपेक्षाएं झेल रही है "ये जिंदगी" ....... जाने क्या–क्या सोच रही है?।। ©manju Ahirwar #जिंदगी #अपेक्षा #उपेक्षाएं #life