"पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है," एक नयी उमंग है, एक नया सवेरा है पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है एक नया सफ़र है, एक नया शहर है एक नयी जगह है, एक नया बसेरा है कोई समझे उसे या नही समझे उसे अपने हुनर से उसे बहुत कुछ कहना है और चल पड़ी वो अपने ख्वाबों को पूरा करने हां उसकी पलकों के पीछे कोई ख्वाब गहरा है - आंजनेय अंजुल #ख्वाब #khabab #आंजनेय_अंजुल Please like, comment, share & follow #nojotohindi #nojotopoetry #Poetry ØØ7-PATEL