जिंदग़ी की सरहद पे मौत के जवान नहीं बनते... नाखून से मिट्टी कुरेदो तो किसान नहीं बनते..। ये पक्की सड़कें अब तो इश्क़ की दुशमन लगती हैं... आप चले तो राह पे पाँव के निशान नहीं बनते..। निशान