कितने गीत हो गए अभी कितने फसाने होंगे ; सजा ए इश्क़ में उनको भी आंसू तो बहाने होंगे ; हम समझते हैं तुम्हारी शर्मो हया मगर, महफ़िल में आए हो तो ठुमके भी लगाने होंगे ; #unkaha_ishq 💓